नई दिल्ली: विपक्ष की ओर से Sanchar Saathi ऐप के जरिए जासूसी किए जाने के आरोपों पर मंगलवार को बीजेपी ने कड़ा प्रतिक्रिया दी है। पार्टी का कहना है कि यह ऐप नागरिकों की निगरानी के लिए नहीं, बल्कि उनकी मोबाइल सुरक्षा बढ़ाने और डिजिटल फ्रॉड रोकने के लिए बनाया गया है।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि Sanchar Saathi ऐप का उद्देश्य केवल धोखाधड़ी रोकना और आम मोबाइल यूजर को सुरक्षित रखना है। उन्होंने कहा, “क्या सरकार आपकी जासूसी करना चाहती है Sanchar Saathi के जरिए? बिल्कुल नहीं। यह ऐप न आपके मैसेज पढ़ सकता है, न कॉल सुन सकता है और न ही आपकी निजी जानकारी तक पहुंच सकता है।”
स्मार्टफोन कंपनियों को यह ऐप प्री-इंस्टॉल करने के निर्देश दिए जाने के बाद कांग्रेस ने सरकार पर निगरानी का आरोप लगाया था।
कांग्रेस का आरोप – ‘स्नूपिंग ऐप’, गोपनीयता का उल्लंघन
संसद परिसर के बाहर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “Sanchar Saathi एक स्नूपिंग ऐप है। यह हास्यास्पद है। नागरिकों को निजता का अधिकार है। हर व्यक्ति को अपने परिवार और दोस्तों को संदेश भेजने का पूरा अधिकार है, बिना सरकार की निगरानी के।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस ऐप को “लोगों की आवाज दबाने का एक और प्रयास” बताया। उन्होंने आरोप लगाया, “मोदी सरकार द्वारा इस ऐप को बिना किसी हितधारक से राय लिए अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश तानाशाही जैसा है। सरकार क्यों जानना चाहती है कि नागरिक अपने परिवार और दोस्तों से क्या बात करते हैं?”

खड़गे ने आगे कहा, “BJP का शासन निगरानी, नियंत्रण और नागरिक अधिकारों के दमन पर आधारित है। पेगासस कांड में विपक्ष के नेता, जज, पत्रकार, यहां तक कि मंत्री भी निगरानी में थे।”
BJP का जवाब – ‘S सुरक्षा के लिए है, न कि स्ट्रैंग्यूलेशन के लिए’
प्रेस वार्ता के दौरान संबित पात्रा ने कहा, “यह ऐप चोरी हुए फोन को ट्रैक कर उन्हें असली मालिक तक पहुंचाने में मदद करता है। श्री खड़गे, यहां ‘S’ सुरक्षा के लिए है, न कि ‘strangulation’ (गला घोंटने) के लिए।”
Sanchar Saathi अभी एक मोबाइल ऐप और वेबसाइट दोनों रूपों में उपलब्ध है। Telecom Minister ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुसार, इसका इस्तेमाल वर्तमान में वैकल्पिक है।
इस ऐप के माध्यम से:
चोरी या खोए फोन को ब्लॉक और ट्रैक किया जा सकता है
अपने नाम पर जारी मोबाइल कनेक्शन की जांच की जा सकती है
संदेहास्पद फ्रॉड की शिकायत ‘चक्षु’ फीचर से की जा सकती है
फोन बंद होने पर भी उसके IMEI नंबर के आधार पर लोकेशन ट्रेस की जा सकती है तथा फोन मिलने पर ऐप के जरिए आसानी से अनब्लॉक किया जा सकता है।
सिंधिया ने कहा, “अगर आप इस ऐप को हटाना चाहते हैं, तो हटा सकते हैं। यह अनिवार्य नहीं है। हमारा उद्देश्य सिर्फ नागरिकों को डिजिटल धोखाधड़ी और चोरी से बचाना है।”
